Sharab Shayari in Hindi | Shayari on Sharab | Nasha Shayari
Sharab Shayari in Hindi पत्ती-पत्ती गुलाब हो जाती हर कली महबेख्वाब हो जाती, तूने डाली न मैकस नजरें, वर्ना शबनम शराब हो जाती। शीशी भरी शराब की बेकार कर दिया, मारा तो ऐसा मारा जिगर पार कर दिया। मर-मर कर जीना ऐ साकी ये पैमाने की आदत है, औरों को पिलाऊँ, प्यासा हूँ, बस यही … Read more